भारतीय परिस्थितियों में संयुक्त खेती ही अधिक उपयुक्तहै.
2.
सहकारी संयुक्त खेती की लोकप्रियता के कई प्रमुख कारण हैं--१.
3.
संयुक्त खेती समिति और सामूहिक खेती समिति में अंतर--इनमें मुख्य अंतर इसप्रकार है--१.
4.
सहकारी संयुक्त खेती समितियाँ (छोओपेरटिवे झोइन्ट् ञर्मिन्ग् शोचिएटिएस्) भारत में सहकारी खेती का सबसे अधिक संगठित रूप संयुक्त खेती है.
5.
सहकारी संयुक्त खेती समितियाँ (छोओपेरटिवे झोइन्ट् ञर्मिन्ग् शोचिएटिएस्) भारत में सहकारी खेती का सबसे अधिक संगठित रूप संयुक्त खेती है.
6.
बेहतर तरीका ये है कि को-ऑपरेटिव खेती शुरू की जाए और छोटी-छोटी जोत के किसानों पर संयुक्त खेती के लिए दबाव बनाया जाए।
7.
एक संयुक्त खेती समिति में भूमि का स्वामित्व या तो स्वयं किसान काहोता है अथवा वे भूमि को दूसरे व्यक्तियों से लगान पर ले लेते हैं.
8.
संयुक्त खेती में भूमि कास्वामित्व तो किसानों का निजी ही रहता है किंतु सम्मिलित प्रकार से खेतीकरने से बड़े पैमाने के लाभ प्राप्त हो जाते हैं.
9.
संयुक्त खेती में लाभांश का भुगतान सदस्य द्वारा दी गयी भूमि अथवा उसकेमूल्य के अनुपात में किया जाता है जब कि सामूहिक खेती में इसका प्रश्न हीनहीं उठता.
10.
भारत जैसे देशों के लिए जहाँ किसान का अपनी भूमि से भावानात्मक लगाव होताहै, संयुक्त खेती ही अधिक उपयुक्त है क्योंकि इसमें उसका भूमि परस्वामित्व बना रहता है.